ब्युरो रिपोर्ट-
बाराबंकी ।जनपद के अफीम और पोस्ता के डोडा की खेती करने वाले लाइसेंस धारकों की फसल ओलावृष्टि होने के कारण बरबाद हुई थी। जिसके कारण किसान मानक के अनुसार अफीम नही दे सके। भारत सरकार का वित्त मंत्रालय किसानों की इस अहम समस्या को संज्ञान में ले और 2024-25 में 10 ऐरी में 67.500 किलोग्राम की जगह वर्ष 2022-2023 में 60 किलोग्राम तक डोडा (भूसा) देने वाले अफीम की खेती के लाइसेंस धाराकों को पात्रता की सूची में रखकर लाइसेंस जारी करें।
उक्त आशय की मांग बाराबंकी के सांसद तनुज पुनिया ने जनपद के अफीम की खेती करने वाले लाइसेंस धारकों की परेशानी को सुनकर भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को पत्र लिखकर की है।
वित्त मंत्री को प्रेषित पत्र में सांसद तनुज पुनिया ने किसानों का दर्द केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुये लिखा है कि, भारत सरकार द्वारा अफीम पोस्ते की खेती के लाइसेंस का पट्टा सी0पी0एस0 के माध्यम से किसानों को पांच वर्ष के लिये आवण्टित किया गया था। और किसानों से पांच वर्ष की लाइसेंस फीस भी जमा करा ली गयी थी जिसके तहत पट्टा धाराकों को पांच वर्ष में 300.50 किलोग्राम डोडा (भूसा) भारत सरकार को देना है लेकिन वर्ष 2022-2023 में ओलावृष्टि होने के कारण किसानों की अफीम की फसल चौपट हो गयी और सही उत्पादन नहीं हो पाया लेकिन लाइसेंस धाराकों द्वारा जितना उत्पादन हुआ उतना सरकार को दिया गया। अफीम के खेती के लाइसेंस धारकों को स्थानीय नॉरकोटिक्स विभाग के अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया गया था कि,आपके लाइसेंस जारी रहेंगे लेकिन वर्ष 2024-2025 में भारत सरकार द्वारा 10 ऐरी में 67.500 किलोग्राम डोडा उत्पादन करने वाले लाइसेंस धाराकों को ही पात्रता की सूची में रखा हैं और बाकी का लाइसेंस रोक दिया है जिसके लिये जनपद के अफीम की खेती करने वाले लाइसेंस धारक किसानों में निराशा व्याप्त है और उन्होनें सामूहिक रूप से 67.500 किलोग्राम की जगह 60 किलोग्राम डोडा उत्पादन करने वाले किसानों को लाइसेंस जारी किये जाने का अनुरोध किया है।
इस सम्बन्घ में स्थानीय सांसद तनुज पुनिया ने किसानों की अहम समस्या को ध्यान में रखकर उनकी नगदी की अफीम की खेती की फसल में 67.500 किलोग्राम की जगह 60 किलोग्राम प्रति 10 ऐरी मानक तय करके उक्त मानक को पूरा करने वाले लाइसेंस धाराकों को पत्र लिखकर अफीम की खेती का लाइसेंस समय से जारी किये जाने का अनुरोध वित्त मंत्री से किया गया है। जिससे किसान अपनी अफीम की फसल की बुआई समय से कर सके।