बंकी बाराबंकी। बाराबंकी के बंकी नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी पर वित्तीय अनियमितता व मनमाने ढंग से कार्य करने का आरोप लगाते हुए पिछले कई दिनों से नगर के सभासद लामबंद है। दो दिन पहले सोमवार को सभासद व सभासद प्रतिनिधियों ने नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया था। अगले दिन मंगलवार को आक्रोशित सभासदों ने डीएम सत्येंद्र कुमार को सात बिंदुओं पर जांच कराए जाने की मांग व नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मोहिनी केसरवानी पर कार्रवाई करने को लेकर ज्ञापन सौंपा है। सभासदों का आरोप है कि नगर की अधिशासी अधिकारी को कोई भी समस्या बताई जाती है तो उसे पर वह कोई ध्यान नहीं देती हैं, जिसे नगर वासियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि नगर पंचायत बंकी की अधिशासी अधिकारी मोहिनी केसरवानी पर मनमाने ढंग से कार्य करने का आरोप लगाते हुए सभासदों में आक्रोश है। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी किसी भी समस्या पर कोई ध्यान नहीं देती है जिसके चलते नगर के वार्डों में भारी समस्याएं हैं। सोमवार को इन समस्याओं को लेकर नगर पंचायत कार्यालय पर सभासद व सभासद प्रतिनिधि पहुंचे थे। सभासद व सभासद प्रतिनिधि जब नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे तो वहां पर उनके बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं थी। जिस पर सभासदों ने वहीं जमीन पर बैठकर धरना-प्रदर्शन किया था। सभासदों ने कहा था कि बोर्ड बैठक में भी कुर्सियां टेंट से मंगवाई जाती हैं।
धरना-प्रदर्शन के दौरान सभासदों ने अधिशासी अधिकारी पर कई आरोप लगाए थे। मंगलवार को इसे लेकर सभासद रजी सिद्दीकी, अंजू रावत, जमुना देवी, शन्नो, चौधरी मो. इरफान, आयशा हमीद आदि ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर डीएम सत्येंद्र कुमार को सात सूत्री ज्ञापन सौंप कर जांच की मांग की है। सभासदों ने ईओ मोहिनी केसरवानी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सभासदों ने बताया कि बंकी नगर पंचायत में पिछले पांच माह से बोर्ड बैठक ही नहीं बुलाई गई है। प्रत्येक बोर्ड बैठक में अधिकतम 20 हजार रुपए व्यय का प्राविधान है। लेकिन इसमें मनमानी करके अधिक खर्च किया जा रहा है। सभासदों के बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं है। जबकि इसकी खरीद की गई है। यहां कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिलता है। जिसके कर्मचारी काम में रुचि नहीं ले रहे हैं। ईओ द्वारा कितने स्थाई व कितने आउट सोर्सिंग से कर्मचारी रखे गए हैं। इसकी सूचना नहीं दी जा रही है। आरोप है ईओ लखनऊ में निवास करती है। जिसके कारण आकस्मिक कार्य करने पर उनका समय से निस्तारण नहीं हो पा रहा है।