बाराबंकी। अज़ाखाना इफ्तेखार हैदर लाइन पुरवा में सालाना कदीमी जुलूस अपने रवायती अंदाज़ में बरामद हुआ। जिसकी मजलिस को मौलाना सैय्यद मोहम्मद रजा, जैदपुरी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा इस्लाम का जितना भी पैगाम हमको मिला है वो सब जनाबे रसूले खुदा मोहमद (स०अ) से मिला है उन्होंने कहा हुसैन मुझ से है पैगम्बर ने अपने नवासे के लिए कहा हुसैन हिदायत के चिराग है और वो नजात का सफीना है जो इसमें सवार होगा वो पार होगा, आखिर में करबला के दर्द नाक मसायब पढ़े जिसे सुनकर अजादार बहुत रोएं।
मजलिस की शुरूवात तिलावते कलाम पाक से हुई जिसको लखनऊ से आए हुए मोहम्मद हुसैन ने आगाज़ किया,मजलिस से पहले मुकामी शायरो ने अपने अपने कलाम पेश किया जिसमे उस्ताद शायर कशिश संडेलवी, बाकर नक़वी, ज़ाकिर इमाम, गाजी इमाम, मोहसिन इमाम, मोहम्मद हुसैन , गाज़ी अब्बास, आदि। जुलूस में बैरूनी अंजुमन शामें गरीबा, वज़ीर गंज, लखनऊ ने अपने मखसूस अंदाज मे नौहाख्वानी की। जुलूस को अंजुमन गुंचए अब्बासिया ने बरामद किया, जिसमे अलम, ताबूत अली अकबर, गहवारए अली असगर का झूला, जुलज़नाह, अमारी बरामद की गई। जुलूस की निजामत काशिश संदेलवी और बाकर नक़वी ने की।
जुलूस अपने तय शुदा रास्तों देवा रोड, आनंद भवन होते हुए असकरी नगर पहुंचा जहां मुकामी अंजुमन गुलामें असकरी, असकरी नगर ने भी नौहाख्वानी की, जुलूस मौलाना गुलाम असकरी हाल में पहुच कर समाप्त हुआ, जिसकी अलविदाई मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत अहमद रज़ा ने खिताब किया, जुलूस में चाय पानी और नज़रे मौला का भी तमाम हजरात के लिए इंतज़ाम किया गया बानिए जुलूस अम्मार हैदर और कन्वीनर रज़ा हैदर व क़मर इमाम आब्दी ने सभी मोमिनीन वा मोमिनात वा ज़िला प्रशासन, नगर पालिका का शुक्रिया अदा किया।