ब्युरो रिपोर्ट--
मसौली बाराबंकी। कुटरचित बिल बनाकर मेघालय प्रान्त से प्रतिबंधित लकड़ी की तस्करी कर हरियाणा ले जा रहे दो गैरजनपदीय लकड़ी तस्करो को गिरफ्तार कर सफदरगंज पुलिस ने करीब 35 लाख रुपये कीमत की प्रतिबंधित चीड़ की लकड़ी बरामद की। पुलिस ने ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्षों का संरक्षण अधिनियम,1976 व 3/28 उ0प्र0 ट्रांजिट ऑफ टिम्बर एण्ड अदर फारेस्ट प्रोड्यूस रूल्स,1978 का मुकदमा दर्ज कर तस्करो को जेल भेज दिया है ।
पुलिस अधीक्षक बाराबंकी दिनेश कुमार सिंह द्वारा जनपद में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण लगाने हेतु अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा अभियान के क्रम मे प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह, अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक देवी चरण गुप्ता उयनिरीक्षक प्रवीण कुमार रिषभ सिंह चंदेल की टीम ने मैनुअल इंटेलीजेन्स के आधार लखनऊ अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बकरी बाजार पलहरी के निकट अयोध्या की ओर से आ रहे ट्रक नंबर यूपी. 25 सी.टी. 6241 को रोककर जमातलाशी ली तो ट्रक मे लदे 75 अदद प्रतिबंधित चीड़ की लकड़ी एव करीब 10 टन बांस के अभिलेख मांगे तो लकड़ी तस्कर यासीन पुत्र अनीस व. मो0 साजिद पुत्र बुन्दन निवासीगण भानमण्डी पोस्ट निजाम डाण्डी थाना जहांनाबाद जनपद पीलीभीत ने जो अभिलेख दिये व कुटरचित बनाये गये थे। कुटरचित बिल बांस की लकड़ी का था जो कलकत्ता के अंकित के नाम बना था जबकि बाँसों के बीच छिपाकर रखी गयी लकड़ी बाला जी ट्रांसपोर्ट के मालिक के कहने पर ट्रक में मुकेश गोस्वामी (जी0एस0टी0 धारक/माल स्वामी) ने अपने गोदाम से प्रतिबन्धित लकड़ी, बांस के बीच में छिपाकर लदवाई थी। प्रतिबन्धित लकड़ी को ट्रक उपरोक्त के मालिक मो0 रेहान, बाला जी ट्रांसपोर्ट के मालिक, मुकेश गोस्वामी (माल स्वामी/जी0एस0टी0 धारक) व गिरफ्तार अभियुक्तगण यासीन व मो0 साजिद उपरोक्त की सहमति से षडयन्त्र के तहत ट्रक के अन्दर छिपाकर मेघालय से गुड़गांव (हिरयाणा) ले जा रहे थे। प्रतिबन्धित तस्करी में लिप्त प्रकाश में आए अन्य अभियुक्तों बालाजी ट्रांसपोर्ट का मालिक नाम पता अज्ञात, मुकेश गोस्वामी (जी0एस0टी0 धारक/माल स्वामी), ट्रक के स्वामी मो0 रेहान व गिरफ्तार अभियुक्तगण के विरुद्ध मु0अ0सं0 388/2024 धारा 318(4)/338/336(3)/61(2) बीएनएस, 4/10 उ0प्र0 ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्षों का संरक्षण अधिनियम,1976 व 3/28 उ0प्र0 ट्रांजिट ऑफ टिम्बर एण्ड अदर फारेस्ट प्रोड्यूस रूल्स,1978 पंजीकृत किया गया।
प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि चीड़ की लकड़ी का व्यवसाय प्रतिबंधित है जिसे बाँसों के बीच छिपाकर ले जा रहे थे बरामद लकड़ी की कीमत करीब 35 लाख रुपये है।